सूती थी रंग महल में, |
सूती ने आयो रे जंजाळ, |
सुपना रे बैरी झूठो क्यों आयो रे |
कुरजां तू म्हारी बैनडी ए, सांभळ म्हारी बात, |
ढोला तणे ओळमां भेजूं थारे लार। |
कुरजां ए म्हारो भंवर मिला देनी ए। |
सुपनो जगाई आधी रात में २ |
तनै मैं बताऊँ मन की बात |
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ sss |
संदेशो म्हारे पिया ने पुगाद्यो ऐ !! |
तूं छै कुरजां म्हारे गाँव की |
लागे धर्म की भान |
कुरजां ऐ राण्यो भंवर मिलाद्यो ऐ |
संदेशो म्हारे पिया ने पुगाद्यो ऐ !! |
पांखां पै लिखूं थारै ओळमों |
चान्चां पै सात सलाम |
संदेशो म्हारै पिया ने पुगाद्यो ऐ !! |
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ !! |
लश्करिये ने यूँ कही |
क्यूँ परणी छी मोय |
परण पाछे क्यों बिसराई रे |
कुरजां ऐ भंवर मिलाद्यो ऐ |
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाद्यो ऐ !! |
ले परवानो कुरजां उड़ गई |
गई-गई समदर रे पार |
संदेशो पिया की गोदी में नाख्यो जाय |
संदेशो गोरी को पियाजी ने दीन्यो जाय !! |
थारी धण री भेजी मैं आ गई |
ल्याई जी संदेशो ल्यो थे बांच |
थे गोरी धण ने क्यों छिटकाई जी |
कुरजां ऐ साँची बात बताई जी |
के चित आयो थारे देसड़ो |
के चित आयो माय’र बाप |
साथीड़ा म्हाने सांच बतादे रे |
उदासी कियां मुखड़े पे छाई रे !! |
आ ल्यो राजाजी थारी चाकरी |
ओ ल्यो साथीड़ा थांरो साथ, |
संदेशो म्हारी मरवण को आयोजी |
गोरी म्हाने घरां तो बुलाया जी |
नीली घोड़ी नौ लखी |
मोत्यां से जड़ी रे लगाम |
घोड़ी ऐ म्हाने देस पुगाद्यो जी |
गोरी से म्हाने बेगा मिलाद्यो जी !! |
रात ढल्याँ राजाजी रळकिया |
दिनड़ो उगायो गोरी रे देस |
कुरजां ऐ सांचो कोल निभायो ऐ |
कुरजां ऐ राण्यो भंवर मिलाया ऐ !! |
सुपनो जगाई आधी रात में |
तने मैं बतायी मन की बात |
कुरजां ऐ म्हारा भंवर मिलाया ऐ !! |
सुपनो रे बीरा फेरूँ -फेरूँ आजे रे !! |
Monday, December 28, 2009
कुरजां
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very good pankaj continue???????????????
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